तुम तो चले गए पर, इक
तेरा दीवाना छूट गया !
कुछ पल शराब थी,
अब वो याराना भी छूट गया !
उस रात पतंगे सारे जले,
पर इक परवाना छूट गया !
वो भूली बिसरी यादों में भी,
फिर तेरा आना छूट गया !
छोटी सी मुस्कान से बस
वो रूठना मनाना छूट गया !
रात अब लाश सही बस,
वो सपने सजाना छूट गया !
तेरे नाम के नगमें गीत,
वो हर रोज गाना छूट गया !
तेरी इक मंद मुस्कान से,
ये सब जग पाना छूट गया !
अपनी एक गलती पर आज
तेरा आंसू बहाना छूट गया !
तेरे संग जीने का वो
हर सपना सा ही टूट गया !
मेरी हंसती खेलती दुनिया को
एक अमीर लुटेरा लूट गया !
#KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम #CopyRightKishor
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