Sunday, October 4, 2015

सब कुछ छूट गया


तुम तो चले गए पर, इक
तेरा दीवाना छूट गया !

कुछ पल शराब थी,
अब वो याराना भी छूट गया !

उस रात पतंगे सारे जले,
पर इक परवाना छूट गया !

वो भूली बिसरी यादों में भी,
फिर तेरा आना छूट गया !

छोटी सी मुस्कान से बस
वो रूठना मनाना छूट गया !

रात अब लाश सही बस,
वो सपने सजाना छूट गया !

तेरे नाम के नगमें गीत,
वो हर रोज गाना छूट गया !

तेरी इक मंद मुस्कान से,
ये सब जग पाना छूट गया !

अपनी एक गलती पर आज
तेरा आंसू बहाना छूट गया !

तेरे संग जीने का वो
हर सपना सा ही टूट गया !

मेरी हंसती खेलती दुनिया को
एक अमीर लुटेरा लूट गया !

‪#‎KishorPoetry‬ मैं इक शायर बदनाम​ ‪#‎CopyRightKishor‬
http://kishorepoetry.blogspot.in/

No comments:

Post a Comment