जब हम चले जायेंगे
दुआ के वक़्त बस मेरा नाम याद रखना
मेरे लिखे कुछ वो कलाम याद रखना
दिन में तो तेरा हर अपना साथ होगा
अंधरे में दीपक संग वो शाम याद रखना
कुछ चाहत कुछ हसरत जो छूट गई
कुछ आंसू कुछ प्यारी मुस्कान भरे हुए
मेरे संग बिताये पल तमाम याद रखना
जब महफिलें सजी हों पर तुम अकेले हो
उस वक़्त इक शायर बदनाम याद रखना
जब डूब जाओ ग़मों के सायों में कभी
मेरी मुस्कान के वो जाम याद रखना
जब जाओ लौट कर किशोर की कब्र से
मेरा वजूद और आखरी सलाम याद रखना
जब हम चले जायेंगे
दुआ के वक़्त बस मेरा नाम याद रखना
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