न कुछ था, न तेरे जाने के बाद है
न उस से कोई दुआ, न कोई फ़रियाद है
अब न कोई दिन है, और न ही रात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
जो मिला आज, वो तेरी सौगात है
न कोई ख़ुशी, न गम के हालत है
न कोई दर्द, न कोई जज्बात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
न कोई पीछे, न कोई साथ है
वो कुछ पल, और तेरी ही याद है
है जीत तेरी, पर मेरी तो मात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
© #KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम ©
न उस से कोई दुआ, न कोई फ़रियाद है
अब न कोई दिन है, और न ही रात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
जो मिला आज, वो तेरी सौगात है
न कोई ख़ुशी, न गम के हालत है
न कोई दर्द, न कोई जज्बात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
न कोई पीछे, न कोई साथ है
वो कुछ पल, और तेरी ही याद है
है जीत तेरी, पर मेरी तो मात है
अंत है ये मेरा, या तेरी शुरुवात है
© #KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम ©
No comments:
Post a Comment