मैं माटी, तू
माटी का.
और माटी, का
ही तो
दीप.
माटी का ही
जग ये
सारा.
माटी का मोती
संग सीप.
मैं नानक का,तू नानक
का.
नानक-नानक, ये
जग सारा.
सब जग तेरा
उजियारा...
तू ही मुझ
में, तू
ही तुझ
में.
तू ही तो
है, हर
कण-कण-रज में.
तेरा सूफी मैं
फकीरा,
क्या लिखू इस
कोरे कागज
में.
मैं कोन एक
जोगी रमता.
न देखी, मोह
न देखी
ममता.
मैं तेरा, और
तू मेरा
सहारा.
बाकी जग तो
मेरा भरम
था.
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