Sunday, January 12, 2014

दो शब्द

"ये सब क्या है, बस कुछ TRP और न्यूज़ चेनलों कि लूट-खसोट है"
"अमीरों के कफ़न में भी हीरा है, गरीबों का कफ़न सिर्फ लंगोट है"
"किशोर बस आँखों से आंसू तू भी मत बहा ये सब देख कर"
"आज न्यूज़ में तेरी बेहेन कि इज्जत है तो कल यहीं गुजरात के वोट हैं"

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