Thursday, November 30, 2017

चलो देखते हैं

क्यों होता है पहले, क्या होता है पहले,
कौन रोता है पहले, कौन सोता है पहले,
चलो देखते हैं...

कौन झुकता है पहले, कौन झुकाता है पहले,
कौन रुकता है पहले, कौन रुकाता है पहले,
उन बीती बातों, बीती रातों की याद से आज,
कौन दुखता है पहले, कौन दुखाता है पहले। 
चलो देखते हैं...

अब कौन नुक्कड़ पर, इन्तजार करेगा पहले,
कौन अपना वक़्त अब, बेकार करेगा पहले,
अब कौन हर रोज का, वो किस्सा सुनेगा तेरा,
और हर रात फिर बात, बेशुमार करेगा पहले,
चलो देखते हैं...

कौन किस की ख़ुशी, कौन गम होगा पहले,
कौन इस दर्द का, आज मरहम होगा पहले,
हर रोज ही जख्म को, छेड़ कर जाना भी,
इतना दोनों में से, कौन बेरहम होगा पहले,
चलो देखते हैं...

चलो मान जाओ, सब छोड़ कर देखो भी पहले,
ना मिलने की कसम, तोड़ कर देखो भी पहले,
बे-बात के, इस अहम् के गुरुर को अब बस,
इक बार फिर से, आज मोड़ कर देखो भी पहले,
चलो देखते हैं...

चलो देखते हैं, फिर से नया आशियाना पहले,
चलो जीते हैं, फिर से वो गुजरा जमाना पहले,
देखो कैसे गुजरे, ये सारे दिन इक-दूजे बिन,
चलो नुक्कड़ पर, हमको मिल कर बताना पहले। 
चलो देखते हैं...

© #KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम #CopyRightKishor
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