इक दिन जब ये तुम्हें एहसास होगा
तब शायद वो वक़्त न मेरे पास होगा
हमारा क्या आये अकेले और जायेंगे भी
पर दुआ है तेरा हर अपना तेरे पास होगा
हर रोज जब इक नया दिन ढलेगा
तब हर शाम फिर से दीपक जलेगा
भूल जायेंगे मेरे तराने कल सभी !!
बुझा देंगे फिर जब सूरज निकलेगा
जब फिर शाम होगी मेरे मुशायरों में
मेरा अक्ष होगा मेरे अपने यारों में !!
मेरी गजलें जब हर जुबान पर होगी
दीपक जिन्दा रहेगा एक और हजारों में
उस दिन मसकसद मुकम्मल होगा
जब मेरा वजूद ही तेरा कल होगा !
मेरी गजलें तुझे शोहरतें देंगी हर शहर
और सुन कर हर नयन जल-जल होगा !
#KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम
तब शायद वो वक़्त न मेरे पास होगा
हमारा क्या आये अकेले और जायेंगे भी
पर दुआ है तेरा हर अपना तेरे पास होगा
हर रोज जब इक नया दिन ढलेगा
तब हर शाम फिर से दीपक जलेगा
भूल जायेंगे मेरे तराने कल सभी !!
बुझा देंगे फिर जब सूरज निकलेगा
जब फिर शाम होगी मेरे मुशायरों में
मेरा अक्ष होगा मेरे अपने यारों में !!
मेरी गजलें जब हर जुबान पर होगी
दीपक जिन्दा रहेगा एक और हजारों में
उस दिन मसकसद मुकम्मल होगा
जब मेरा वजूद ही तेरा कल होगा !
मेरी गजलें तुझे शोहरतें देंगी हर शहर
और सुन कर हर नयन जल-जल होगा !
#KishorPoetry मैं इक शायर बदनाम
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