"बिक गया धर्म कर्म, बिक बिक गई गीता-कुरान
मैं बिका तू बिका, और बिक गया हर इंसान...
जिन्दे-मुर्दे दोनों की कीमत और बिक जाता है शमशान
मेरी जेब में पैसा है, तो खरीद लूँ मैं वो भगवान
तू तो कीड़ा है मामूली, बता कितने की है तेरी जान"
मैं बिका तू बिका, और बिक गया हर इंसान...
जिन्दे-मुर्दे दोनों की कीमत और बिक जाता है शमशान
मेरी जेब में पैसा है, तो खरीद लूँ मैं वो भगवान
तू तो कीड़ा है मामूली, बता कितने की है तेरी जान"
No comments:
Post a Comment