Monday, January 13, 2014

बदल जाए

तू जो मुस्कुरा दे हर सुबह, तो दिन पूरा निकल जाए...
बस प्यार के दो लफ्ज कह दे, तो जमाना मुझ से जल जाए

दुनिया कहती है तानों में, की हम बेजान और रूखे हैं..
न जानते हैं की फ़कीर तो , बस प्यार के लिए भूखे हैं !

बस तू जो एक बार प्यार से, हाथ मुझ पे फ़ेर दे...
मेरी कायनात तेरे क़दमों में हो, और तकदीर ही बदल जाए

तू नाराज रहती है फकत, मेरे लफ्जों के तरीकों से ...
समझ ले तरानों का दर्द इक बार, तो मेरे तरीके बदल जाएँ

तेरी बन्दगीऔर सजदे हम, दिन रात करा करें बस...
कभी इक बार तुझ पर भी, वो इश्क तिलस्म सा चल जाये

#KishorPoetry © मैं इक शायर बदनाम

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